Ek Ishq aisa bhi - 1 in Hindi Love Stories by Anki books and stories PDF | एक इश्क ऐसा भी - 1

The Author
Featured Books
  • प्रेम और युद्ध - 5

    अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत...

  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क...

  • Devil I Hate You - 21

    जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन...

  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो...

  • मंजिले - भाग 14

     ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।...

Categories
Share

एक इश्क ऐसा भी - 1

सुबह सुबह का समय है ,Mr. दीक्षित सिंह न्यूज पेपर पढ रहे है और साथ में चाय की चुस्की ले रहे है । तभी वो अपनी वाइफ तनु को आवाज लगाते है और कहते हैं - ये हमारी राजकुमारी अभी तक उठी क्यों नहीं?
तनु किचन से बाहर आती है और कहती है - आपकी राजकुमारी कल रात से पढ़ रही थी तो अभी सो रही है।
अच्छा जी कोई बात नहीं हम अपनी बेटी को आज खुद उठाएंगे। ये कह कर दीक्षित सिंह सीढियां चढ़ते हुए ऊपर चले जाते हैं।
तनु भी हंसती हुई किचन में काम करने लगती है ।
दीक्षित सिंह रूम का दरवाजा खोलते हुए बोलते है - रुही बेटा रुही चलो उठ जाओ । रुही get up बेटा।
Good morning papa , रुही अंगड़ाई लेती हुई कहती है।
Good morning my princess, चलो उठो और नाश्ता करने नीचे आ जाओ ।
नहीं मुझे नाश्ता नहीं करना। रुही मुंह बनाते हुए कहती है।
क्यों नहीं करना ? तुम्हारी मां ने कुछ कहा । दीक्षित सिंह रुही से पूछते है।
No papa मोम ने कुछ नहीं कहा । मैं तो आपसे गुस्सा हूं ।
ऐसा क्यों भाई मैने क्या किया भला ? दीक्षित सिंह रुही से पूछते है।
पापा आप भूल गए । आपने कहा था कि मेरे 18 birthday पर मुझे कुछ बताओगे । लेकिन birthday हुए आज पूरे दो दिन हो गए आप बता नहीं रहे । रुही चिड़ते हुए कहती है ।
दीक्षित सिंह रुही को कहते है - रुही मैं तुम्हारा wait कर रहा हूं नीचे चुप चाप आ जाना । और कोई बहाना नहीं ।
रुही भी मुंह लटका के कहती है - ok papa पर मैं भी आपकी ही बेटी हूं । मैं पता कर के रहूंगी की आखिर बात क्या है ।
Mr. दीक्षित गुस्से में नीचे आ कर सोफे पर बैठ जाते है।
तभी तनु आ कर कहती है - क्या हुआ कुछ परेशानी में लग रहे हो ?
रुही मुझसे पूछ रही है कि क्या बात बतानी थीं उसके 18 birthday पर। मैं उसे ये नहीं बता सकता । तुम तो जानती हो न। दीक्षित उदास होकर कहते हैं।
खबरदार आपने उसे कुछ भी बताया । मैं अपनी बेटी को तकलीफ में नहीं देख सकती । समझे आप और इतना कह कर तनु की आंखों में आसूं आ जाते है।
तभी रुही नीचे आती है और कहती है - मोम रो क्यों रही है आप ? पापा ने कुछ कहा । क्या पापा आप भी चलिए सॉरी बोलिए mom को।
तनु आंखें पौंछती हुई कहती हैं - नहीं बेटा मेरी आंखों में कुछ चला गया था । चलो तुम दोनों अब नाश्ता करो ।
पापा बता भी दीजिए ऐसी कोन सी बात है ? जो आप मुझे बताना तो चाहते थे लेकिन अब बता नहीं रहे है ?
Mr. दीक्षित गुस्से में कहते है - ऐसी कोई बात नहीं है । वो तुम्हारी दादी ऐसे ही बोल रही थी । तुम उनकी बातों पर ध्यान मत दिया करो । कितनी बार समझाया है ।
रुही गुस्से में खाना छोड़ कर अपने रूम में चली जाती है।